अख़बार न जाने कितने राज, ऋषभ! अपने दिल के तहखाने में छिपाये बैठे हो। अच्छे खासे इंसान हो। ख़ुद को क्यों? बेवजह अखबार बनाये बैठे हो। ©❤️sukoon❤️ #IndianNewspaperDay