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अख़बार न जाने कितने राज, ऋषभ! अपने दिल के तहखाने मे

अख़बार न जाने कितने राज, ऋषभ! अपने दिल के तहखाने में छिपाये बैठे हो।
अच्छे खासे इंसान हो। ख़ुद को क्यों? बेवजह अखबार बनाये बैठे हो।

©❤️sukoon❤️ #IndianNewspaperDay
अख़बार न जाने कितने राज, ऋषभ! अपने दिल के तहखाने में छिपाये बैठे हो।
अच्छे खासे इंसान हो। ख़ुद को क्यों? बेवजह अखबार बनाये बैठे हो।

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rishabhtomar1651

sukoon

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