•••••••••लफ्ज़ यूँ रूठेंगें पता न था••••••••• मैंने तो बस अपना पता बदला था मेरे लफ्ज़ सारे तेरे हिमायती निकले तुझे देखकर चुप रहना ये मेरा बदला था ये लफ्ज़ो की बेवफाई मुझ वफापरस्त से थी मैंने तुझे ही छोड़ा था खुद को कहाँ बदला था #साकेत #RaysOfHope