जो अँधेरे में भी खूबसूरती तलाशे हम वो शायर है , जो खूबसूरती में भी अँधेरा ढूंढे वो हम क़तई नहीं। अंदाज़ तो हमारा आज भी वही पुराना है, शायद नज़रिया बदलने की तुम्हे ज़रूरत है nazriya