ढल गया फिर से आज एक शाम, देखो उम्मीदों से भरी फिर एक सुबह आई। बीत रहा जीवन का हर एक लम्हा, ये समझाने सूरज की पहली किरण आई। पक्षी चहक रहे हैं फिर से, फूल खिल रहे हैं फिर से बागों मे, खुशियां बिखरे हैं प्रकृति चारो ओर, देखो उम्मीदों को नई पंख देने, फिर से एक नई सुबह आई। ©Rekha Gupta Good evening friends 🙏🙏 kaise hai ap sb meri Pahli kavita hai is app pr like or comment krke jrur bataye kaisi hai. #ummid #dhal #kavita #story #syari #vacation