जब तुम मेरे सिवा किसी और को निहारते हो, जब किसी गैर को देख खुद को अनायास संवारते हो, मन में एक तीखे लहर सा सरसराहट लगता है, मुझसे तुम्हारा रुख मोड़ना मुझे अच्छा नहीं लगता है। तेरे पलकों पर ख्वाब मुझसे अलग जरूर है, पर मेरी भी उम्मीदें किस्मत के आगे मजबूर है, तेरा छोड़ के जाना मन में घाव सा लगता है, खुद से सवाल करना मुझे अच्छा नहीं लगता है। तुम बेपरवाह मुझे चाहे तो कर दो खूब नजरंदाज, हा मैने माना की कुछ खास नहीं है मेरा अंदाज, पर तुमसे जुड़े ख्वाबों में खूब मन लगता है, पर ख्वाबों में भी जुदाई मुझे अच्छा नहीं लगता है। तुम्हारी पसंद बेशक मेरा अस्तित्व का अंश ना हो, पर तुम हर वक़्त बस मेरी पसंद का दायरा हो, तुम्हारे ख्वाबों का मकान मेरी औकात से ऊपर लगता है, तुम्हारी पसंद में मेरा ना होना मुझे अच्छा नहीं लगता है। कभी-कभी बता देना अच्छा होता है कि हमें क्या अच्छा नहीं लगता। #अच्छानहींलगता #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi