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ख़्वाहिश तो अब यही तू मयस्सर हो, जो संग तू तो फिर

ख़्वाहिश तो अब यही तू मयस्सर हो, जो संग तू तो फिर क्या डर हो 
इंतज़ार तो है एक, एक लंबा इंतज़ार, जो तू आए तो मेरी ज़िन्दगी में सहर हो 🎀 Challenge-373 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 

🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 

🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 2 पंक्तियों अथवा 20 शब्दों में अपनी रचना लिखिए।
ख़्वाहिश तो अब यही तू मयस्सर हो, जो संग तू तो फिर क्या डर हो 
इंतज़ार तो है एक, एक लंबा इंतज़ार, जो तू आए तो मेरी ज़िन्दगी में सहर हो 🎀 Challenge-373 #collabwithकोराकाग़ज़

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