WorldDrugDay पल-पल ना माने ये मन मेरा ना जाने इस लत का हिसाब कितना गहरा, बना दिया है गुलाम इस सफ़ेदी ने डूबा दिया बाबूजी की कमाई मुझ जैसे नशेड़ी ने, साँसों से खींचा था इसकी परतों को माँ के आँचल ने मुँह मोड़ लिया जब माना हमने इसकी शर्तों को, शुरूआत तो शौक में की थी, लिपट कब गया आदत से मेरे नशा तो नशा होता है, उतर कब गया ये ज़हन से मेरे, रोक लो खुद को नहीं रखा है जन्नत इसमें, देर हो गई थी मुझे, नहीं रह पाया मेरा रूह मुझमें।।। ~のя人Iwinsh सफ़ेद लत #Life #dad #Mom #poem #Hindi #drug #addiction #HindiPoem #Nojoto #nojotohindi