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दिल सोज़ से ख़ाली है निगह पाक नहीं है अल्लाम

दिल सोज़ से ख़ाली है निगह पाक नहीं है


 
  अल्लामा इक़बाल 
  ( पूरी ग़ज़ल अनुशीर्षक में पढ़ें ) #NojotoQuote Allama Iqbal Ghazal 
दिल सोज़ से ख़ाली है निगह पाक नहीं है 
फिर इस में अजब क्या कि तू बेबाक नहीं है 

है ज़ौक़-ए-तजल्ली भी इसी ख़ाक में पिन्हाँ 
ग़ाफ़िल तू निरा साहिब-ए-इदराक नहीं है 

वो आँख कि है सुर्मा-ए-अफ़रंग से रौशन
दिल सोज़ से ख़ाली है निगह पाक नहीं है


 
  अल्लामा इक़बाल 
  ( पूरी ग़ज़ल अनुशीर्षक में पढ़ें ) #NojotoQuote Allama Iqbal Ghazal 
दिल सोज़ से ख़ाली है निगह पाक नहीं है 
फिर इस में अजब क्या कि तू बेबाक नहीं है 

है ज़ौक़-ए-तजल्ली भी इसी ख़ाक में पिन्हाँ 
ग़ाफ़िल तू निरा साहिब-ए-इदराक नहीं है 

वो आँख कि है सुर्मा-ए-अफ़रंग से रौशन

Allama Iqbal Ghazal दिल सोज़ से ख़ाली है निगह पाक नहीं है फिर इस में अजब क्या कि तू बेबाक नहीं है है ज़ौक़-ए-तजल्ली भी इसी ख़ाक में पिन्हाँ ग़ाफ़िल तू निरा साहिब-ए-इदराक नहीं है वो आँख कि है सुर्मा-ए-अफ़रंग से रौशन #ghazal #Allamaiqbal #NojotoHindiLiterature #NojotoaHindi