कल उसने मुझसे कहा कि पी.के कभी फुर्सत मिली तो फुर्सत में फुर्सत से बतलायेंगें ©prahlad pk verma 🎆🎆🎆🎆🎆🎆🎇🎇🎇🎆 किसके बारें में सोचती हैं दोस्त तू तो बिल्कुल बदल गई हैं दोस्त तेरी खातिर, तेरी खुशी के खातिर तेरी खातिर,तेरी खुशी के खातिर मैंने सिगरेट भी छोड़ दी हैं दोस्त मुझे एक चाँद से मोहब्बत थी जिंदगी एक बाँध पर पड़ी हैं दोस्त