मेरा दिल धड़कता था तेरी आवाज सुनकर, अब आजकल वो धडकन सुनाई नहीं देती, पता नहीं तुमने आवाज देना बन्द कर दिया, या मेरे दिल ने धड़कना छोड़ दिया है। मेरी साँसों में तेरी खुशबू महका करती थी, अब आजकल वो खुशबु नहीं महकती, पता नहीं तुमने महकना छोड़ दिया, या मुझे अब साँस नहीं आती। पूरी-पूरी रात जिस फोन पे बीतती थी, अब आजकल वो फोन नहीं बजता, पता नहीं तुम्हारा रिचार्ज खत्म हो गया है, या मेरे फोन में ही घण्टी नहीं आती।। #अंकित सारस्वत# #प्यार भाग-1