बस इतना बस इतना सा ही तो है हमारे इस रिश्ते का परिचय, वो ख़्वाब मैं आफ़ताब उसको तो हमेशा ओझल होते रहना है और मुझे तो हमेशा उदय होना है वो मौसम मैं बादल उसको तो हमेशा बदलते रहना है मुझे तो हमेशा जल बनकर बरसना है वो सागर मैं नदी उसको तो हमेशा स्थिर रहना है और मुझे तो हमेशा उसमें मिलना है वो परवाज मैं हवा वो तो उड़े या नहीं मगर मुझे तो चलते रहना है वो दीपक मैं बाती वो तो जले या नहीं मगर मुझे तो खुदको जलाना है वो फूल मैं खुशबू वो तो टूटकर हर किसी के पास जाये या ना जाये मगर मुझे तो बिखरकर सबको खुशबू देना है, वो दिन मैं रात वो चाहे कितनी ही महफ़िल सजाये मगर मुझे तो सदा तन्हा गुजरना है वो अधर मैं मुस्कान वो खामोश रहे या मुस्कराकर किसी को खुशी दे या ना दे मगर मुझे तो हमेशा हर उदास चेहरे को खुशी देना है वो ख़याल मैं सत्य वो भले कितना ही मीठा बनकर इतराता रहे मगर मुझे तो हमेशा कड़वे सच्च को अपनाना है वो कलाई मैं घड़ी वो हर किसी का हाथ थामकर सही राह दिखाये या ना दिखाये मगर, मुझे तो हर कलाई को पकड़कर उसको वक्त के साथ चलना सिखाना है। --Vimla Choudhary 28/4/2021 ©vks Siyag #PoetInYou #बस इतना #hmtum #lovelife #Feeling #nojoto2021 #nojotonews #nojotopoem