कभी कभी इंसान ना तो टूटता है, ना बिखरता है, बस हार जाता है, कभी ख़ुद से तो, कभी अपनों से कभी वक़्त से तो, कभी अपनें हालातों से कभी ख़ुद की उम्मीदों से तो, कभी ज़िंदगी के इम्तेहानों से कभी अपनों को मनाने से तो, कभी ख़ुद को समझाने से कभी बेवजह उलझे हुये रिश्तों को सुलझाने से तो, कभी रिश्तों को जोड़े रखने के लिये ख़ामोश रहने से, जब इन सब से हार जाता है तब, वह अपने अल्फ़ाजों को ख़ामोशी में तब्दील कर देता है, और लोगों को लगता है उसमे ग़ुरूर आ गया है....!! "किसी की ख़ामोशी को उसका ग़ुरूर ना समझें, समझना ही है तो उसकी ख़ामोशी के पीछे छिपे हुये दर्द को समझें"... #yqbaba #yqdidi #yqquotes #poetrylove #randomwritings