अपनी जैसी कोई तस्वीर बनानी थी मुझे। मगर मेरे अंदर से सभी रंग तुम्हारे निकले।। दिल–ओ–दिमाग पर छाया तेरा ऐसा नशा। हर तरफ़ तेरी ही तस्वीर नज़र आती है।। जब तेरी मुस्कान भरी तस्वीर देखती हूंँ। तो वो वजह ही मुझे ख़ास लगती है।। तेरी ही तस्वीर बस देखती ख्वाबों। और खयालों हर पल सुबह शाम।। तेरी ही तस्वीर से बातें कर लेती हूंँ। मिल जाता है सुकून आपकी तस्वीर देख कर।। ♥️ Challenge-671 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।