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आज कुछ बातें नफ़स की करते हे यह, वह है जो कभी माह

आज कुछ बातें नफ़स की करते हे
यह,  वह है जो कभी माहियत मे, 
दिखाई नहीं देती 
रूह को  कब्ज़ा करके 
तबाह करती! 
 रब से एक ही गुज़ारिश हे, 
की यह जन्नतउल काफ़िर  को 
लोग चाहे बागी कह दे, 
हम जब भी तेरे पास आए 
तू माफि फरमाए! नफ़स की बोली
आज कुछ बातें नफ़स की करते हे
यह,  वह है जो कभी माहियत मे, 
दिखाई नहीं देती 
रूह को  कब्ज़ा करके 
तबाह करती! 
 रब से एक ही गुज़ारिश हे, 
की यह जन्नतउल काफ़िर  को 
लोग चाहे बागी कह दे, 
हम जब भी तेरे पास आए 
तू माफि फरमाए! नफ़स की बोली
joy5020289541413

joy

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नफ़स की बोली