कुछ दिन बीतने के बाद दोपहर के करीब 2:30 का वक़्त हुआँ होगा, हर बार की तरह "H" जो क्लास से ज्यादा मैदान में मिला करता था, उस दिन भी वो वही था, जहाँ उसकी पहली औपचारिक मुलाकात "V" से हुईं, फिर सामान्य सी बातें हुई, कुछ पुराने परिचय निकले और धीर-धीरे दोस्ती हुई, फिर घंटो बाते होने लगी, कुछ दिनों बाद मोबाईल नम्बरों का आदान-प्रदान हुआँ । और फिर कुछ वक्त बाद वो काफी अच्छे दोस्त बन गए और यूँही वक़्त बढ़ता चला गया ! पर इस दृश्य को देखते हुए मुझे मोनीष बहल साहब कही बात याद आ गई की "क्या एक जवान लड़का और एक जवान लड़की कभी दोस्त हो सकते हैं ? " पर ऐसा सच में होता हैं ? या असल जिंदगी में क़िस्सा कुछ और होता हैं ? फिरहाल हम वापस अपनी कहानी की और रुख करते हैं, जहाँ "H" जिसे कॉलेज से आने में कोई दिलचस्पी नहीं थीं वो भी अब रोज कॉलेज आना शुरू हो गया था । अब उसका मन कॉलेज में लगने लगा था । देखते ही देखते कॉलेज के पहले साल का अंतिम दौर आ गया , मतलब परीक्षा वाला दौर जहाँ........ HR The Untold Story Page No. 5 Instagram :- shayar_HR FB - Apni kalam se HR #HRtheuntoldstroypg05 #yqbaba #yqdidi #hrstory #shayar_hr #harshal