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तुम पास आकर मेरे साँसों से कुछ कह गए। एहसास जो हुआ

तुम पास आकर मेरे साँसों से कुछ कह गए।
एहसास जो हुआ वो मन ही मन में रह गए। 
घुल से गए सारे ज़ज्बात धड़कनों में तुम्हारें, 
लब ख़ामोश रहे,हम आँखों से सब कह गए। 

पलकें शर्माती रही, मन बहकता रहा हमारा।
रूह की हसरत पूरी हुई, तन दहकते रह गए।
लम्हें काटे नहीं कटते थे हमारे एक-दूजे बिन, 
जब मिले हम-तुम तो बस घबराते ही रह गए। 

आज ये रात बड़े नसीबो से मिली है  हमदम।
ये ज़मी-आसमाँ  का  अटूट मिलन हो  जैसे। 
फ़िज़ाओं में हमारे प्यार की मिठास घुल गई, 
प्रेम बंधन में बंध गए देखो "पंछी-हवा" जैसे।

सितारों  से  सजी रात में तुम वो मेरे चाँद हो! 
उस चाँद के आगोश में छुपी मैं चकोरी जैसे! 
खोए है एक-दूसरे में ओढ़े बादलों की चादर, 
धीमें-धीमें सुलग रहे बरसों पुरानी चाहत जैसे। ♥️ Challenge-730 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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तुम पास आकर मेरे साँसों से कुछ कह गए।
एहसास जो हुआ वो मन ही मन में रह गए। 
घुल से गए सारे ज़ज्बात धड़कनों में तुम्हारें, 
लब ख़ामोश रहे,हम आँखों से सब कह गए। 

पलकें शर्माती रही, मन बहकता रहा हमारा।
रूह की हसरत पूरी हुई, तन दहकते रह गए।
लम्हें काटे नहीं कटते थे हमारे एक-दूजे बिन, 
जब मिले हम-तुम तो बस घबराते ही रह गए। 

आज ये रात बड़े नसीबो से मिली है  हमदम।
ये ज़मी-आसमाँ  का  अटूट मिलन हो  जैसे। 
फ़िज़ाओं में हमारे प्यार की मिठास घुल गई, 
प्रेम बंधन में बंध गए देखो "पंछी-हवा" जैसे।

सितारों  से  सजी रात में तुम वो मेरे चाँद हो! 
उस चाँद के आगोश में छुपी मैं चकोरी जैसे! 
खोए है एक-दूसरे में ओढ़े बादलों की चादर, 
धीमें-धीमें सुलग रहे बरसों पुरानी चाहत जैसे। ♥️ Challenge-730 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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nehapathak7952

Neha Pathak

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