रात जैसे जैसे गहराती है गलियां उतनी ही सुनसान नजर आती है रात के दूसरे पहर में बस कुत्तों के भौंकने की आवाज आती है चोर उच्चके घूमते हैं रातों को पहरेदार की सिटी की आवाज आती है घर से देर रात, कोई बाहर निकलता नही सुनसान गलियों में बस सन्नाटा छा जाता है बस घर के इक्के- दुक्के नुक्कड़ पर ही रोशनी नजर आती है ©Dr Manju Juneja #घर #नुक्कड़#सुनसान#रोशनी#गालियां# #काली #रात #अंधेरी #दूसरे _पहर #emptystreets