कोई बुलाये तो चली आया करो यूँ न तुम बेसबब इतराया करो। चार दिन की मिली ज़िन्दगी है खिलखिला कर मुस्कुराया करो। रुठने मनाने की जरुरत क्या है नज़र से दिल में उतर जाया करो। किस तरह तिश्नगी सी पसरी है ख़िजा में बहार बन आया करो। आजकल बारिश का मौसम है मिरी याद में भीग जाया करो। दर्द तो मिरे जीने का सहारा है बना के नगमा इसे गाया करो। बहुत सताती तिरी याद 'अनाम' यूँ बेवज़ह भी याद आया करो। तुम्हारी कोई खबर नही मिलती कभी मेरी गली आ जाया करो। #तुम्हारीख़बर #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi