प्यासी सी है इस दिल की जमीं, बरसात बन कर चली आओ ऊब चुका हूं इन उजालो से, हंसी रात बनकर चली आओ देखो ये सावन एक अरसे बाद भी तो लौट आया है हर वक़्त तुजसे बेइंतेहा प्यार करता हूं महोब्बत बनकर चली आओ । @rjun.... barsat bankar chali aaoo... #barsat #sweetlove #poetry