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शीर्षक-भीगता शाम ******************* सुना है फिर

शीर्षक-भीगता शाम
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सुना है फिर मुश्लाधार बारिश हो रहीं है तुम्हारे शहर में ... 
फिर भींगना मत , 
तन मन को छूता बारिश में ....
मुझे आज भी याद है वो पुराना भींगता शाम ... 
वो तुम्हारा भींगता बदन लहराता उन्मुक्त मगन मन .... 
मुझे आज भी याद है वो तुम्हारा बूंदों के साथ खेलना ... 
वो बारिस के पानी की धार को चीरता तुम्हारे लहराते बाल .... 
मानो वो पानी नहीं शहद में लथपथ तुम्हारा बदन ... 
शायद उस वक्त भूल गयी थी दुनिया के हर पहलूँ को .....
और तुम मगन थी बारिश की बूंदों में ... 
मुझे आज भी याद है 
वो तुम्हारा शर्माना और वो कातिलाना मुंस्कुराना ...
वो आहिस्ता से मेरी हथेली को पकड़ कर मुझे भिगोना ... 
सच मे कत्ल ही किया था उसवक्त मेरे सारे गमों का , 
कोई याद न था तुम्हारे सिवा .... 
मानो मेरा वक्त ठहर सा गया था तुम्हारी निगाहों में , 
डूब गया था तुम्हारी मादक चंचलता में ... 
मुझे आज भी याद है मेरा वो भीगता शाम और बस तुम ....
....
सुना है फिर मुश्लाधार बारिश हो रहीं है तुम्हारे शहर में ... 
फिर भींगना मत , 
तन मन को छूता बारिश में ....
@निशीथ

©Nisheeth pandey
  भीगता शाम 
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सुना है फिर मुश्लाधार बारिश हो रहीं है तुम्हारे शहर में ... 
फिर भींगना मत , 
तन मन को छूता बारिश में ....
मुझे आज भी याद है वो पुराना भींगता शाम ... 
वो तुम्हारा भींगता बदन लहराता उन्मुक्त मगन मन .... 
मुझे आज भी याद है वो तुम्हारा बूंदों के साथ खेलना ...

भीगता शाम ********** सुना है फिर मुश्लाधार बारिश हो रहीं है तुम्हारे शहर में ... फिर भींगना मत , तन मन को छूता बारिश में .... मुझे आज भी याद है वो पुराना भींगता शाम ... वो तुम्हारा भींगता बदन लहराता उन्मुक्त मगन मन .... मुझे आज भी याद है वो तुम्हारा बूंदों के साथ खेलना ... #yaadein #adventure #कविता #baarish #sparsh #Streaks #Parchhai #Shajar #Sunhera #BehtaLamha #ChaltiHawaa

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