पानी अपनी प्यास यूं कर बुझ आता होगा । अश्क बन आब, लबों पर टपक जाता होगा।। आज बारिश की आँख बेहद नम सी हैं। आज बिछडा़ अपना उसे भी याद आता होगा । खुदा भी आँखें जब उनसे मिलाता होगा । खुदा भी आँखों में डूब जाता होगा।। आग से ही आग जलाई जाती है, हमने सीखा है। हुस्न वालों को ये नुस्खा सदियों से आता होगा।। बस्तियां जलने लगी बडा़ शोर होने लगा है। यूं देख बच्चा घर में कोई फिर सहम जाता होगा।। यूं तो महफूज़ है दिल सीने में सभी के । पर लगे ठेस तो अंदर कांच सा बिखर जाता होगा।। भूखी हो औलाद तो माँ का फोन आ ही जाता है। धुंधली आँखों को ना जाने ,ये कैसे दिख जाता होगा ।। पानी अपनी प्यास यूं कर बुझ आता होगा । अश्क बन आब, लबों पर टपक जाता होगा।। आज बारिश की आँख बेहद नम सी हैं। आज बिछडा़ अपना उसे भी याद आता होगा । खुदा भी आँखें जब उनसे मिलाता होगा । खुदा भी आँखों में डूब जाता होगा।।