हां ये महामारी खत्म हो जाए हर कोई इस दर्द से राहत पाए पर क्यों हम इस महामारी का सिर्फ एक ही पलड़ा आजमाएं चलो क्यों ना इसका दूसरा पहलू भी खुद में समाएं।। आज सड़कों पर ना तो दहशत की आवाज है हर कोई मानो खुद में आजाद एक अंदाज है पक्षी मौसम हवाएं सबके बदले मिजाज है आज बहुत समय बाद प्रकृति ने पूरे किये अपने रिवाज है।। शायद इस महामारी के रूप में इंसान के पाप का घड़ा फूटा है बहुत समय बाद हर कोई अपने दोगली जिंदगी से छूटा है घर में सब बंद नहीं आज बहुत समय बाद साथ हैं आज हर कोई सचमुच पास होकर भी पास है।। पर ईश्वर हमें इस संकट से बचाए हमने जो सबक सिखा उसे हम भी ना भुलाएं अपनों का साथ बहुत बड़ी दुआ है यारों प्रकृति ने इस महामारी के रूप में दिखाई अपनी अदाएं।। #2nd part of #covid-19 #Extremely sorry if anyone doesn't like this concept.. this is something real but don't take it as a sarcasm.. #please guys