मद भरे नैनों में तुम जब खो जाती हो होले होले से रिसकर तुम मेरे ह्रदय तक आती हो अन्तः मन को तृप्ति दे तुम मेरा आत्म तत्व हो जाती हो ! एक नई रचना देकर तुम फ़िर से दुनियां में लाती हो तुम और मैं या मैं और तुम हों मिलकर हम कहलाती हो । 2000th quote😍😍 सुनो, जब तुम मुझे यूँ अपलक निहारते हो ना मेरी मंद मुस्कान स्थायित्व ले लेती है कपोल गुलाबी वर्ण से रक्तिम हो जाते हैं लाज के बोझ से