"जैसे ढलता है सूरज-हर रोज शाम से मिलने को.. वैसे ही तुम भी किसी शाम-मेरी सुनने को आ जाना। जैसी बेताबी शामों को-सुबहों से मिलने की होती.. वैसे ही तुम भी किसी सुबह-अपनी कहने को आ जाना। जैसे बहती है मंद पवन,हर रोज सूरज चढ़ने तक.. वैसे ही तुम भी किसी रोज-अपनी आवाज सुना जाना।" 🙃मनमर्जियां #DawnSun #तुम #आना #शाम #सुबह #कहने #रोज़ #Nojoto #hindi_poetry #मनमर्जियां