कर के मुझसे इज़हार, तुम अप्रैल फूल ही मना लो, करेंगे नहीं कोई ऐतराज़, हमें तुम मूर्ख ही बना लो। हाल तो समझ में आये ना आये, क़रार तो मिलेगा, दिल के एहसासात कुछ रंगीन झूठ से ही सना लो। रोज़-रोज़ की बात ही नहीं क्योंकि ये बस की नहीं, तन्हाई के ढेर से कुछ पल ख़ुशियों के ही छना लो। ना लायें बीच में मजबूरियाँ, कोसे नहीं हालात को, भुलाकर सारे शिकवे-गिले एक पल ही अपना लो। कोई रिश्ता नहीं 'धुन' ख़याली ख़याल सी ही सही, दिखा हक़ीक़त का आइना, ये समझ ही अना लो। ♥️ Challenge-525 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।