यादों में कहीं... अभी भी हो तुम... चाहे-अनचाहे हृदयाकाश पर... घने बदरा से छा ही जाते हो तुम ...! कोशिशें असफल हो जाती हैं... MUNESH SHARMA 💞 तुम्हारी यादों को झटकने की... जब "उसी रूप" में स्मृति में आते हो... जिस तरह प्रथम बार मिले थे हम...! आँख मूँद अनदेखा करना चाहती हूँ पर बैरी पलकें दगा कर देती हैं तब... Munesh sharma पुतलियां फैल आकार बढ़ा लेती हैं... अक्श को तुम्हारे समा लेने को उत्सुक बन...! स्मृति-भ्रम से भ्रमित मैं असहाय-सी हो जाती हूँ जब यादों में तुम्हारी उलझ मैं पगली-सी लगती हूँ...! यादों में कहीं...अभी भी हो तुम... चाहे-अनचाहे हृदयाकाश पर... घने बदरा-से छा ही जाते हो तुम...! मुनेश शर्मा (मेरे❤️✍️)🌈 25 यादों में कहीं हल्की सी झलक मिल जाती है उस दुनिया की जो सिर्फ़ मेरी थी.. #यादोंमें #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi