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पतझड़ में का पत्ता हूं जो उससे अलग हुआ गिर कर भी

पतझड़ में का पत्ता हूं 
जो उससे अलग हुआ गिर कर भी किसी का सहारा बना
उसकी ठंडी में जलता अंगारा बना
नहीं मिटा जलकर भी मेरा अस्तित्व
मैं मिट्टी में मिलकर कुछ पोधों के जन्म का सहारा बना।
- तरुण राजपूत #अस्तित्व बना रहे Shalini Rajput Kaushal Divyank Atree yashaswini GOEL Meenakshi Sharma
पतझड़ में का पत्ता हूं 
जो उससे अलग हुआ गिर कर भी किसी का सहारा बना
उसकी ठंडी में जलता अंगारा बना
नहीं मिटा जलकर भी मेरा अस्तित्व
मैं मिट्टी में मिलकर कुछ पोधों के जन्म का सहारा बना।
- तरुण राजपूत #अस्तित्व बना रहे Shalini Rajput Kaushal Divyank Atree yashaswini GOEL Meenakshi Sharma
tarunrajput3494

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