क्या कहूँ और कैसे कहूँ, कि मैं क्या लिखता हूँ... हर व़क्त के, हर लम्हें में, नये अल्फ़ाज लिखता हूँ... अल्फ़ाजों में छुपे अपने... मैं एहसास लिखता हूँ... दिन_रात के बीते उज़ालों में मैं हर बात लिखता हूँ... हर बात में अपनी मैं, एक बात लिखता हूँ... जो समझ सके हर बात, मैं वो बात लिखता हूँ... @mukesh_inscribe# #Jo Hai Dil Mai, Main Whi Likhta Hu.....