आलम यह तेरी निगाहों का, जो देख के मुझको एक बार, झूक ही जाती है, यही तो है प्यार तेरे दिल में मेरे लिए। तेरी झुकी नज़र कहती है, तेरे दिल के जज़्बात, जो तू ना बयां कर सकती, अपने अल्फ़ाज से। पढ़कर इसे मे समझ जाऊं, तेरे दिल की बात, जो मेरा दिल इसे, सुनना चाहता है तेरी जुबान से। तेरी झुकी नज़र, चेहरा खिला सा, तारीफ और क्या करूँ तेरी, तारीफ करूँ तो खुदा की, के जिसने तुझे बनाया। -Nitesh Prajapati ♥️ Challenge-984 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।