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आँखों में आँसू लिए जो हर पल मुस्कुराता है,

आँखों में आँसू लिए जो हर पल मुस्कुराता है,                                                                                                                                                                दर्द हो या दरिया,                                                               डूबता हुआ भी हर वो शख्स तैर कर निकल जाता है,                                                                                       ठोकरे लाख मिले ज़िन्दगी की राहों में चाहे कितनी भी,                                            मजबूत इरादे हो चट्टानो से जिनके तो,         आस्मा भी एक दिन अपना सर झुकाता है,                                                                     कभी हीरे को परखना हो तो अँधेरे का इंतज़ार करो साहब,                                                                              वरना सूरज की रौशनी में तो,                                                                            काँच का टुकड़ा भी चमकता हुआ ही नजर आता है.✍️✍️✍️                                                         Written:- By                                                                               Umesh.     .                 kumar #इंसा की चमक
आँखों में आँसू लिए जो हर पल मुस्कुराता है,                                                                                                                                                                दर्द हो या दरिया,                                                               डूबता हुआ भी हर वो शख्स तैर कर निकल जाता है,                                                                                       ठोकरे लाख मिले ज़िन्दगी की राहों में चाहे कितनी भी,                                            मजबूत इरादे हो चट्टानो से जिनके तो,         आस्मा भी एक दिन अपना सर झुकाता है,                                                                     कभी हीरे को परखना हो तो अँधेरे का इंतज़ार करो साहब,                                                                              वरना सूरज की रौशनी में तो,                                                                            काँच का टुकड़ा भी चमकता हुआ ही नजर आता है.✍️✍️✍️                                                         Written:- By                                                                               Umesh.     .                 kumar #इंसा की चमक