एक एक करके गिर गये, मेरे सपने मेरी मंजिल, सब ढह गये, खता पूछ कर बतला देना, मेरे जमीर से, ये कह गये, बताया भी नही हमको, और चुपके से वो निकल गये, जो अपने थे नही नगर में कभी, बस वही, हाँ वही, अब रह गये. #alone#पतन#ढहना#end#lost