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रिश्ते सुबह अखबार की तरह याद आते हैं और शाम होते

रिश्ते सुबह अखबार की तरह याद आते हैं 
और शाम होते ही मायने बदल जाते हैं
क्या वक्त आ गया हैं, आजकल लोग 
खुदगर्जी को "रिश्ता "बताते हैं 
SHAURABH SHARMA
"Shaurya " #Today's relationship #Fullymadwriter #shaurabhsharma"shaurya"
रिश्ते सुबह अखबार की तरह याद आते हैं 
और शाम होते ही मायने बदल जाते हैं
क्या वक्त आ गया हैं, आजकल लोग 
खुदगर्जी को "रिश्ता "बताते हैं 
SHAURABH SHARMA
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