पलट कर जवाब देना आता नहीं तभी मुल्ज़िम बना फिरता हूँ मैं लश्कर-ए-गुनाहों को साथ लिए तेरी पनाह में गुनाह करता हूँ मैं दलीलें पेश करूँ क्यों तेरे सामने तेरी दलीलों सुनने को मरता हूँ मैं खड़ा कटघरे में आपकी अदालत के मगर जज़ साहब आपसे नहीं डरता हूँ मैं पलट कर जवाब देना आता नहीं तभी मुल्ज़िम बना फिरता हूँ मैं #ग़ज़ल #love #court #मुल्ज़िम #qotd #twg #YQbaba #YQdidi