Nojoto: Largest Storytelling Platform

तेरे बिना हर रात बिख़र जाता हूं बड़ी मायूसी से बस

तेरे बिना हर रात बिख़र जाता हूं
बड़ी मायूसी से बस ख्व़ाबों को गले लगाता हूं
बिन तेरे इन ख्व़ाबों का भी क्या वजूद,
कैसे समझाऊं इस रात को, की बिना चांद के 
तेरा भी क्या वजूद ।।

©Manas Krishna #parent
तेरे बिना हर रात बिख़र जाता हूं
बड़ी मायूसी से बस ख्व़ाबों को गले लगाता हूं
बिन तेरे इन ख्व़ाबों का भी क्या वजूद,
कैसे समझाऊं इस रात को, की बिना चांद के 
तेरा भी क्या वजूद ।।

©Manas Krishna #parent