ख़ुशी और ग़म ख़ुशी और ग़म की तरह है रिश्ता हमारा, एक नदी के है हम दो किनारा। तुम चाहो तो लौट कर आ सकती हो अब भी दोबारा, वर्ना अकेले बिता लेंगे जिंदगी ग़म में, एक तेरे सिवा किसी और का साथ न है गवारा। #khushiaurgam ख़ुशी और ग़म