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जातिवाद आज जन जन पूछ रहा, सोच नही इतनी पुरानी तुम

जातिवाद

आज जन जन पूछ रहा,
सोच नही इतनी पुरानी तुम्हारी,
फिर क्यों खींचा तुमने,
लकीरों का घेरा है,
जातिवाद का फैलाया तुमने,
 ये कैसा मेला है?
भगवान ने सबको एक जैसा ही इंसान बनाया,
कौन हिंदू , ,कौन मुस्लमान, सिख कौन, कौन ईसाई,
ये तुम्हे किसने बताया।
खुद को नए भारत का निवासी बताते हो,
फिर भी कुरीतियों की लताओं में,
 जकड़े आज भी नजर आते हो।
हर गलती पर उसकी जात का ही दोष बताते हो,
मतभेद आपस में तुम्हारी होती है,
रोटियां तवे पर किसी और सिक जाती है
कोई मम्मी बोले, बोले कोई अम्मी,
पापा बोले,बोले कोई अब्बा,
क्या यही दर्शाता,
 इंसानियत की परिभाषा।
छोड़ दामन जातिवाद का,
भाईचारा क्यों नहीं अपनाते।
जो खींचा था,
लकीर सालो पहले जातिवाद का,
होकर अपने विवादों से मुक्त,
उसको क्यों नहीं मिटाते।।

©Neha #Casteism
जातिवाद

आज जन जन पूछ रहा,
सोच नही इतनी पुरानी तुम्हारी,
फिर क्यों खींचा तुमने,
लकीरों का घेरा है,
जातिवाद का फैलाया तुमने,
 ये कैसा मेला है?
भगवान ने सबको एक जैसा ही इंसान बनाया,
कौन हिंदू , ,कौन मुस्लमान, सिख कौन, कौन ईसाई,
ये तुम्हे किसने बताया।
खुद को नए भारत का निवासी बताते हो,
फिर भी कुरीतियों की लताओं में,
 जकड़े आज भी नजर आते हो।
हर गलती पर उसकी जात का ही दोष बताते हो,
मतभेद आपस में तुम्हारी होती है,
रोटियां तवे पर किसी और सिक जाती है
कोई मम्मी बोले, बोले कोई अम्मी,
पापा बोले,बोले कोई अब्बा,
क्या यही दर्शाता,
 इंसानियत की परिभाषा।
छोड़ दामन जातिवाद का,
भाईचारा क्यों नहीं अपनाते।
जो खींचा था,
लकीर सालो पहले जातिवाद का,
होकर अपने विवादों से मुक्त,
उसको क्यों नहीं मिटाते।।

©Neha #Casteism
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Neha Pandey

Bronze Star
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