जो ये बंदिशें न होतीं, मैं तेरे होंठ चूम लेता, होती मिलने की बेकरारी, तेरी गली घूम लेता, होता मैं तुझे पाकर शुक्रगुजार उस ख़ुदा का तुझे देखता रहता, फिर तेरी जबीं चूम लेता! कविराज अनुराग जबीं=माथा। #kiss #love #firstlove #firstkiss #kaviraj