नील गगन में उड़ता फिरता नगर-नगर और गाँव-गाँव में सुन्दर वन और बाग-बाग में मीठे गीत गुनगुनाता रहता राग सुरीले गा-गाकर सबके मन को मैं बहलाता नदी किनारे किसी डाल पर अपना नीड़ बनाता मैं बच्चों के हाथों से चुग-चुग दाना खाता मैं उड़ता रहता स्वच्छंद गगन में चंदा तक पहुँच जाता मैं गीत एकता के मैं गाता बोल-बोल मैं सबको जगाता #nojoto #nojotohindi #CTL #poetry #bird #life #tst #kiranbala