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रूठी रूठी हैं शामें मुझसे अब तो ये रातें भी मुझस

रूठी रूठी हैं शामें मुझसे 
अब तो ये रातें भी
 मुझसे खफा हैं 
करती थी जहाँ 
कभी बाते मुझसे चाँदनी 
अब तो पड़ी काली राते वहाँ हैं।

©Shraddha Kewat
  #feelingalone

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