किस्सा : 1
हम छुटपुट कवि लेखक अक्सर समाजिक बुराइयों पे लिखते रहे, जो जरूरी है एक उतकृष्ट समाज बनाने के लिए । जब तक लिखा नहीं जाएगा तब तक सोचा नहीं जाएगा और जब तक कुछ सोचा नहीं जाएगा तब तक कुछ बदला नहीं जाएगा । पर आज मै इस छोटे से किस्से को बता रहा हूँ जो शायद कुछ लोगों के लिए आम बात हो सकती है, पर वो किस्सा समाज मे बची कुची कुछ मानवता का एक सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है और हो सकता है जितनी भी मात्रा मे मानवता हमारे अंदर है उसे भी सक्रिय कर दे ।
दिल्ली की फितरत मे जल्दी है, कोई इंसान ठहर के 2 मिनट बात #story#HUmanity#Hindi#writing#yqbaba#yqdidi#Kissa#hindistory