इश्क जिनको है अपने वतन से, वो यूहीं सर कटाते रहेंगे। शमा महफिल में जलती रहेगी, तो सर पतंगे उठाते रहेंगे। खून दो आजादी दूंगा बंगाली बोस था। जय हिंद जय भारत जय जय घोष था। भगत सिंह बिस्मिल में जोश ए जवानी! मौत पर मुस्कुरा कर कहेंगे। आदि शक्ति का रूप अवंती,रण में काली बन टूटी थी। खप्पर लेकर दौड़ अहिल्या,परमाणु बम सा फूटी थी। मेरे देश की मिट्टी तो वीरों को जनने वाली है। जननी हो या जनक दुलारे जय जय हिन्दुस्तान कहेंगे। 🎀 विशेष प्रतियोगिता #collabwithकोराकाग़ज़ 🇮🇳 स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ 🇮🇳 🎀 10 से 12 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। 🎀 रचना केवल वीर रस में लिखी होनी चाहिए। 🎀 रचना में कम से कम 5 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम हों। 🎀 समूह की मुख्य प्रतियोगिता और कोलाब प्रतियोगिता में भाग लेना अनिवार्य है।