Nojoto: Largest Storytelling Platform

मनुष्य को चुनाव की सुविधा उपलब्ध है और उससे ये छूट

मनुष्य को चुनाव की सुविधा
उपलब्ध है और उससे ये छूट
छीनी नहीं जा सकती।
  
चेतना कितनी भी भ्रष्ट हो,
कितनी भी गिरी हुई हो,
चुनाव का अधिकार,
स्वेच्छा का अधिकार
उसके पास सदैव रहता है।

आचार्य प्रशांत

©कुमार रंजीत (मनीषी)
  #AcharyaPrashant  CalmKrishna KAIBALYA NAYAK Kamya Tripathi Durvesh Singh Mohammad.