पेट के ख़ातिर जान जोखिम में डालते देखा है
मैंने बच्चों को सर्कस में काम करते देखा है
मैंने राजा को रंक ,रंक को राजा बनते देखा है
सुबह का भटका शाम को लौटते मैंने देखा है
यहां ईश्वर भी अजब-गजब करतब दिखाता है
कहीं धूप कहीं छांव तो कहीं बादल फट जाता है #कविसम्मेलन#कोराकाग़ज़#collabwithकोराकाग़ज़#विशेषप्रतियोगिता#KKseemayadav