इस बार वो सारे बंधन तोड़ आगे निकल गया.. मेरे पास भी कहने को कुछ रहा नहीं.. जिस डोर का एक सिरा मेरे हाथ था.. दूसरा सिरा थामें था जो वो हाथ रहा नहीं... its over..