समाज को श्रेष्ठ बनाने की बातें हम बड़ी बनाते हैं। जातिवाद का विष अमृत में खुद ही ख़ूब मिलाते हैं। अहँकार में जलते दिखते,पुतले सौहार्द्र एकता के- विष फ़ैलाकर कट्टरता का,दूर खड़े इतराते हैं। लगवाकर ठप्पा जो आया,ज़रा मुझे दिखलाओ तो! किसने ऐसा धर्म बनाया मुझको ज़रा बताओ तो! संसार स्वर्ग की छाया है, क्या सोचा कभी मसीहों ने ? क्यों छल फ़ैलाकर तुम इसको,बस बाज़ार बनाते हो। भूतकाल पर दोष लगा कर,वर्तमान को रंग डाला! आरक्षण का जाल बिछाकर,गुणवत्ता को ठग डाला! बेशर्म शीर्ष के वोटों का हमको लालच ही खाया है। जो ज़हर बाँटते दुनिया को,उनको नायक बतलाया है। 'कर्म प्रधान विश्व करि राखा' ग्रंथ हमें बतलाते हैं! कर्म की महिमा गीता में हमको,कृष्ण स्वयं समझाते हैं। चीख़ चीख़ विज्ञान आज यहाँ कर्म की महिमा गाता है । फ़िर भी क्यों! अब भी हमें यह जातिवाद ही भाता है । #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #हमलिखतेरहेगें #गुलिस्ताँ #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine Collaborating with Shelly Jaggi