तन मन में बसा है भारत दिल में सबके सजा है भारत चलो सुनें क्या कहते ऋषि नारद इस देश में रहते साधु जटा धारक विवेकानंद, राजा राम से समाज सुधारक हुये तेजस्वी भगत सिंह पगड़ी धारक तन मन में बसा है भारत कहते हमें भारत के वासी अरुणाचल में ऊगे सुरज और गुजरात तक हो सुबह सी कश्मीर में गिरी बर्फ और राजस्थान की गर्मी भगा दी कल कल करती बहती गंगा भारत माँ ने दिल में जगह दी तमिल, तेलगु प्रेम बढाती यही रहते मराठी, मलयालम भाषी चलो पूर्व 'सेवन-सिस्टर्स' मिल जाती बंगाल बोले आमी तोमाके भालोबाशी आयी आंधी मिट्टी उड़ जाती वीर जवानों को तिलक लगाती क्या तुमने भी सुनी कहानी एक था मंगलपांडे, एक थी झांसी की रानी बोस, गांधी, तिलक ने भी आजादी की ठानी तब खत्म हुयी अंग्रेजो की मनमानी आया आजादी का उत्सव, लगे हलवाई बजे ढोल नगाड़े बजे शहनाई वंदे मातरम् संग जय हिंद के नारे दिये सुनाई सरदार पटेल ने मजबूत भारत कि नींव थी डलवाई हिन्दू, मुस्लिम, सिख ,ईसाई आपस में मिल रहते जैसे हो सगे भाई बढ़ रहा आगे मेंरा भारत दुर हुई हर कठिनाई स्वावलम्बिता और आत्मनिर्भरता भारत को ये बढी सुहायी छू रहा देखो अपना आसमान कि हर उंचाई तन मन में बसा है भारत दिल में सबके सजा है भारत कर रहा हर चीज में हासिल महारत तन मन में बसा है भारत... Writer Loveindia2920(lokesh saini) ©loveindia2920 #loveindia #loveindianpoetry #loveindia2920 #loveindianarmy #independence_day #india🇮🇳 #India #independenceday2022 #BookLife