इस भिगा देने वाली बारिश में ये बूंदें सागर से टकरा बिखर जाती होगी मगर इनके अंश तो ज़िंदा रहते होंगे ख्यालों की भातिं ये सपने भी टूट जाते है मगर इनके कुछ अंश रह जाते है स्मृति में हर पहलू को जानना असंभव है मगर जितना जान सखें उतना भी पूरा है काश थोड़ा समय होता तो अपनी हर गलतियां सुधार पाते इस बहते जीवन को फिरसे सुधार पाते। #Khuch_To_bta_Zindagii✍️✍️