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केवल एक मराठा से रण स्वयं भयभीत था। अगर लड़ा जो भू

केवल एक मराठा से रण स्वयं भयभीत था।
अगर लड़ा जो भूमि पर मानो बचना सिर्फ शोडित था।
बोली जिसकी थी हर हर महादेव की वह शिवाजी वीर था।
प्रलय थी उसकी तलवारें, बाण अर्जुन का तीर था।
जिधर से निकले महराज वहां सन्नाटा छा जाता था।
जैसे रण का खेल देखने स्वयं महाकाल आ जाता था।
क्या तलवार कि धार थी जो घोड़े संग योद्धा काट दिया,
बजरंग सा बल था बाहों में जो आधा आधा बांट दिया।

©Akshat Mishra Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti par Raje ko baram bar naman.
Ese yodha bhut kam hi hote hai ya kaha ja sakta hai Shivaji Maharaj jaise koi hote hi ni.
Har Har Mahadev!Jai Bhawani!Jai Chhatrapati Shivaji Maharaj Ji!
केवल एक मराठा से रण स्वयं भयभीत था।
अगर लड़ा जो भूमि पर मानो बचना सिर्फ शोडित था।
बोली जिसकी थी हर हर महादेव की वह शिवाजी वीर था।
प्रलय थी उसकी तलवारें, बाण अर्जुन का तीर था।
जिधर से निकले महराज वहां सन्नाटा छा जाता था।
जैसे रण का खेल देखने स्वयं महाकाल आ जाता था।
क्या तलवार कि धार थी जो घोड़े संग योद्धा काट दिया,
बजरंग सा बल था बाहों में जो आधा आधा बांट दिया।

©Akshat Mishra Chhatrapati Shivaji Maharaj Jayanti par Raje ko baram bar naman.
Ese yodha bhut kam hi hote hai ya kaha ja sakta hai Shivaji Maharaj jaise koi hote hi ni.
Har Har Mahadev!Jai Bhawani!Jai Chhatrapati Shivaji Maharaj Ji!