White न रावण पैदा होने देगी, न सिकंदर को पनपने देगी। भारत की धरती है,बला से - न बवंडर को पनपने देगी। धरती है राम की,पौरस की है, लंका जा संहारे, फिर बस की है, आये जो चढ़ाई को,उतारे दे, न समंदर को पनपने देगी। तू सुन तो जो सही है, सच्चाई, अहं जो तुम में अहम है कि अंगड़ाई, ले तर बतर पसीने या पानी, न जलंधर को पनपने देगी। ©BANDHETIYA OFFICIAL #अहंकार #election_2024